कुछ तो बदला है कहीं
सांसें तो हैं ,
उसकी खुशबू में सलवट पड़ गयी है लेकिन
इस्त्री लाकर सीधा करना होगा
हाथों में जोर नहीं है अब मगर
बिस्तर के नीचे दबा दूं.. या यूं ही पहन लूं ?
सांसें तो हैं ,
उसकी खुशबू में सलवट पड़ गयी है लेकिन
इस्त्री लाकर सीधा करना होगा
हाथों में जोर नहीं है अब मगर
बिस्तर के नीचे दबा दूं.. या यूं ही पहन लूं ?